विश्व का सबसे सर्वोत्तम Finisher कहा जाता है। यह कितनी भी तनावपूर्ण स्थिति में अपना काम में सही होता है, यहां है उनकी पहचान।

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Ms DHONI
भारत के पूर्व कप्तान की यह खासियत है,सबसे अच्छा खेल वह तब  खेलते  है जब वहां दबाव में होते हैं, ऐसा ही एक खेल 2005 में देखने को मिला था। जो हर हिंदुस्तान  को आज भी याद है, उसमें हमारे इंडियन टीम के ओपनर दोनों ही जल्द आउट हुए थे और लक्ष्य बहुत बड़ा था, तब महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए बस चार मैच खेले थे।
उसमें भी उन्होंने कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखाया था। इसीलिए सब को यह लगने लगा था कि India इस मैच को हारेगा। लेकिन इस परिस्थिति में Dhoni अपने कैरियर की सबसे अच्छे पारी खेली।, और अकेले 183 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई थी।

और ऐसा ही एक घटना 2011 में हुआ था जो विश्व कप के फाइनल मैच में, जो शायद है किसी भारतीय को याद ना हो, शुरुआत में 31 रन पर वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर दोनों आउट हो गए। उसके बाद विराट कोहली और गौतम गंभीर  ने 83 रन की पारी खेलकर स्कोर को 114 तक पहुंचाया, पर यहां कोहली आउट हो गया।और विराट कोहली की इस विकेट के बाद इंडिया की स्थिति काफी दवा पूर्ण हो गई। और मैदान पर आए एम एस धोनी और 109 रन की पारी खेलकर गंभीर भी आउट हो गए। इसके बाद एम एस धोनी ने युवराज के साथ मिलकर छक्कों और चौकों की बारिश कर स्कोर को पहुंचाया 274 पर। स्ट्राइक पर थे धोनी और दर्शक इंतजार कर रहे थे धोनी के उस फिनिश सोट का,  बोल  बोल डाला, धोनी ने अपना फिनिश शॉट खेलकर सीधा बाउंड्री लाइन के बाहर मारा, और इसी सिक्स के साथ इंडिया 2011 का विश्व कप जीत गया।



ऐसे कई किसस हैं जहां हमारे पूर्व कप्तान ने टीम को संभाला है। Dhoni ने अपने किसी भी निर्णय मैं कभी तुलना नहीं की जो भी टीम के पक्ष पर है उससे धोनी ने सख्त से सख्त कदम उठाया। ऐसा ही जा किस्सा है जब धोनी भारत के कप्तान बने थे, कुछ प्लेयर ऐसे थे जिन्होंने  धोनी के सीनियर थे। उनकी फिटनेेेस उतनी सही नहीं थी, और उसी वजह से वह फील्डिंग भी अच्छे से नहीं कर पा रहे थे। और Dhoni ने उन सब कुछ करने का फैसला किय। और जब यह बात Board सदस्य को बताइए, तो कोई धोनी के के इस बात पर सहमत नहीं था, लेकिन फिर भी वहां डटे रहे। और बोर्ड के सदस्यों से कहा अगर आप टीम चयन करने का अधिकार नहीं देते, तो हमें कैप्टन की पद नहीं चाहिए। आखिरकार बोर्ड सदस्य को Dhoni के यह बात माननी पड़ी, और 2011 का विश्व कप उन्होंने जीतकर दिखाइए, उनका यह फैसला सही था


Ms dhoni की यात्रा इतनी आसान भी नहीं थी, या तो आप उनकी फिल्म एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी Ms Dhoni The UnTold Story में भी देखा होगा। धोनी को स्पोर्ट्स में बचपन से ही बहुत लगान था। साथ ही वह पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे, एक समय की बात तो यह भी था कि जब वह फुटबॉल क्रिकेट दोनों जिला टीम में खेल रहे थे। दोनों खेलो में बहुत अच्छा प्रदर्शन रहा। पर वक्त के साथ धोनी ने क्रिकेट को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर हो गए।और दिन रात अपने प्रदर्शन को सुधारने में लगे रहे धीरे-धीरे समय के साथ उनका प्रदर्शन बेहतर और अधिक बेहतर होता चला गया। धोनी के उनके यहां प्रदर्शन की वजह से Binumam Trophy , के लिए चुना गया। वहां उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और उसके बाद धोनी अंडर-19 स्टेट टीम के नियमित खिलाड़ी बन गए। इस खेल मोड में तब आया जब अंडर-19 विश्व कप के लिए धोनी चयन नहीं हुए, और यहां से शुरू हुआ धोनी का वास्तविक मेहनत का विधि।


पिताजी के कहने पर धोनी ने रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम कर रहे थे,और साथ में इन हालात में धोनी ने अपने खेल नहीं छोड़ा, और वह हर साल राष्ट्रीय टीम के परीक्षण दिया करते थे। लेकिन बदकिस्मती से वह हर बार चयन नहीं हो पाते थे, या मेहनत का दौरा 3 साल तक ऐसे ही चलता रहा, पर कहते हैं ना '' एक इच्छा कुछ नहीं बदलती एक निर्णय मैं कुछ बदलता है लेकिन एक निश्चय सब कुछ बदल देता है''। Ms Dhoni ने यह निर्णय लिया कि वह टिकट का काम छोड़कर वह सारा ध्यान अपने राष्ट्रीय टीम में चयन होने पर लगाएंगे।
और धोनी ने यह निर्णय लेकर यह साबित कर दिया, और धोनी 1 साल का मेहनत में ही इंडियन क्रिकेट टीम में चयन हो गए थे। पर यहां भी उनका मेहनत खत्म नहीं हुआ वह 4 अंतरराष्ट्रीय मैच में धोनी का कुल स्कोर 22 रन का था। इसके बाद उन्होंने यह भी पता नहीं था कि उन्होंने अगले मैच में मौका मिलेगा भी या नहीं, और तब उन्हें कोई जानता भी नहीं था। और अगले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय मैच में उन्होंने 183 रन नाबाद रहकर विश्व को इससे पहचान करा दी धोनी कौन है। एक सफल क्रिकेटर के साथ-साथ ध्वनि एक सफल कप्तान भी है। आज के डेट में महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे बड़े प्रसिद्ध व्यक्ति में से एक हैं। 100 से ज्यादा ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं, उनके ब्रांड वैल्यू का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं वह एक ब्रांड की समर्थन के लिए 14 करोड़ का चार्ज लगाते हैं।

 धोनी का एक समय ऐसा था जब उन्होंने यह मोटरसाइकिल 3 महीने का पगार बचाकर लिया था।


और आज उनके पास दुनिया के सबसे अच्छा मोटरसाइकिल का कलेक्शन है।
आपको बता दें बिना किसी गुरु के धोनी ने यह कर लिया,तो भी सुबह का कोई ऐसा मुश्किल नहीं जो आपको रोक दे। वह करके दिखाइए जो आप करना चाहते हो।

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