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भारत क्रिकेट का सबसे बड़ा गढ़ है, यहा क्रिकेट के खिलाड़ी को भगवान कहा जाता है।
और यही वजह है, जहां भारतीय क्रिकेट टीम क्रिकेट खेल के हर प्रारूप जैसे कि एकदिवसीय मैच (ODI) हो या T20 हर जगह पर अपनी धाक जमा कर बैठे हैं।

अगर देखा जाए तो भारत को क्रिकेट जगत में इस प्रारूप पर पहुंचना इतना आसान नहीं था।
शुरुआती समय में जब भारत ने इस खेल को प्रारंभ किया था, उससे पहले कई देश इस खेल में महारत हासिल कर चुके थे।

आइए जानते हैं भारतीय क्रिकेट का इतिहास कैसे बना था।

Cricket First match

दरअसल भारत में क्रिकेट मैच 1721 से खेलना शुरू हो गया था, हालांकि किया तो बस शुरुआत भर था, इसके बाद से पहली बार 1848 पारसी समुदाय इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए एक क्लब का निर्माण किया, इसका नाम था ओरिएंटल क्रिकेट क्लब (Oriental Cricket Club)

हालांकि क्लब आने के बाद में क्रिकेट में भारत की धीमी शुरुआत रही। 
दरअसल समय बीतने के बाद लोगों की पसंद में बदलाव आया, फिर उसके बाद भारत में खेल को अच्छी शुरुआत दी गई।

के बाद 1921, फारसी, सीख , हिंदु और मुसलमानों ने यूरोपियन ( European) के साथ टूर्नामेंट खेलने लगे, और इसी बीच भारतीय के दिग्गज खिलाड़ियों को इंग्लैंड के साथ खेलने का मौका मिला।

रंजीत सिंह जी.
 

केएस दुलिप सिंह जी


जिसमें सबसे मशहूर खिलाड़ी थे जाने-माने रंजीत सिंह जी और केएस दुलिप सिंह जी,
हालांकि इनके बाद भारत के 2 घरेलू क्रिकेट जो रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) और दुलिप ट्रॉफी (Duleep Trophy उनके नाम पर रखा गया।


फिर भारत के अच्छे खेल को देखते हुए 1932 सी के नायडू के कप्तानी में भारत टीम को पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने के लिए आमंत्रित किया गया। लेकिन भारतीय उस समय इंग्लैंड के सामने इतना कमजोर था कि टीम को हराने में इंग्लैंड को कोई दिक्कत का सामना नहीं करना था।

फिर 1933 में पहली बार इंग्लैंड की टीम भारतीय जमीन पर टेस्ट सीरीज खेलने के लिए आई, लेकिन यहां पर उन्होंने भारत को 2 - 0 से मात दे दिया।
और फिर 1930 से 1940 के दशक में भारतीय टीम अपने को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की।



लेकिन उन्हें तब तक कोई राष्ट्रीय जीत नहीं मिल पाई थी।
जैसा कि इसी बीच वर्ल्ड वार 2 भी शुरू हो गया, और उस दौरान कोई भी टूर्नामेंट नहीं खेला गया।

साथ ही भारत के बीर भी अपने देश को आजाद कराने में लगे हुए थे। और फिर 1947 में भारत के आजाद हो जाने के बाद भारतीय टीम ने अपनी पहली तस्वीर ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली और यह इतिहास में पहली बार था, जब भारत, इंग्लैंड के अलावा किसी और देश के साथ मैच खेल रहा था।

हालांकि यहां टेस्ट सीरीज भी भारत 4-0 से हार गया।
और फिर 1948 में भारत अपने घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के अलावा भारत ने वेस्टइंडीज के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली, लेकिन यहां भी वेस्टइंडीज 1-0 से जीत गया।

आगे भारत क्रिकेट के खेल में अपने आपको बेहतर तो कर रहा था, लेकिन कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच जीतने में सफल नहीं था।

और फिर 1952 में पहली बार भारतीय टीम की मेहनत रंग लाई, जो 24 वां मैच भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेलकर जीता।

और इसी के साथ साल के अंत तक भारत ने पाकिस्तान को भी हरा दी थी।
और फिर भारत टीम पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब रही।




और ऐसे जल्द ही भारत क्रिकेट का मेहनत 1956 से दिखती हुई शुरू हो गई,
जिसमें न्यूजीलैंड को हराकर सीरीज अपने नाम किया।

हालांकि  जीत के बाद से कुछ खेलों में भारतीय टीम को लगातार हार का सामना करना पड़ा।
लेकिन भारतीय टीम ने 1961- 62 में फिर से घुमादार वापसी की इस दौरान टीम ने पूरे सीरीज में इंग्लैंड को हराकर जीत अपने नाम किया।

और इसी के साथ भारत क्रिकेट टीम धीरे-धीरे सही लेकिन कहीं-कहीं वह अपनी छाप छोड़ता जा रहा था।
आगे चलकर 1971 में क्रिकेट जगत के नए प्रारूप जो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय खेल की शुरुआत हुई।

हालांकि भारत को टेस्ट क्रिकेट में एक सामान्य टीम माना जाता था।
लेकिन एकदिवसीय के मामले में टीम बड़ा ही नरम था।
इसी दौरान भारतीय टीम पहले 2 पारी से विश्व - कप में आगे नहीं जा पाता था।

लेकिन तीसरे वर्ल्ड कप में कपिल देव , रवि शास्त्री और इनकी तरह और कई दिग्गज तेज तरार खिलाड़ियों ने भारत में ऑस्ट्रेलिया के एक चैंपियनशिप में हरा दिया।




और इसी के साथ एक कमजोर टीम पूरी दुनिया में भारत का रोशन कर चुका था। दरअसल इसके बाद भी भारत को उपमहाद्वीप की तरह एक कमजोर टीम ही माना जाता था।

लेकिन भारत ने 1990 के के दशक में भरपूर मेहनत की, जिसमें सचिन, सौरभ गांगुली ,वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ जैसे कई सारे महान दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नए स्तर तक पहुंचाया।

और 15 फरवरी 2005 को क्रिकेट के एक और नए प्रारूप T20 की शुरुआत किया गया, जिसमें पहला विश्व कप T20 2007 का भारत ने अपने नाम किया।

2007 World Cup


साथ ही बेहतरीन खिलाड़ियों ने 2011 के 50वे ओवर के विश्व कप को भी भारत के नाम किया।

2011 World Cup Final